दोस्तों आज हम आपसे एक बात शेयर करना चाहते हैं. हमसे बहुत से लोगों ने पूछा कि भाई Om Ka Kya Mahatva Hai? ओम का नामस्मरण करना चाहिए? क्या है ओम का इतिहास? ओम का मतलब क्या है? आखिर उनके पीछे की Science क्या है? क्या ओम सिर्फ Hindu के लिए इतना हजारों सवाल पूछे जाते हैं.
तभी हमने सोचा इस Article के माध्यम से ओम शब्द का अर्थ क्या है इस बारे Special Post पोस्ट लिखकर जानकारी दी जाए. Om के बारे में पता होना चाहिए ओम के पीछे का इतिहास और साइंस बहुत बड़ा है इसलिए हम आपको उनके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.
> जरुर पढ़े – Today’s Reality जिसे पढ़कर आप सोच मे पढ़ जायेंगे.
Om Kya Hai?
A- शब्द यह जागृत अवस्था के लिए है, U- शब्द स्वप्नावस्था के लिए है और M- शब्द गहरी नींद के लिए है. जब Om शब्द की आवाज कही जाती है तो इसके अंत में शांति शांति मिलती है.
इस शान्ति को Infinite purification भी कहा जाता है जिसका मतलब होता है असीम शुद्धि.
ॐ यानी ओम, जिसे “ओंकार” या “प्रणव” भी कहा जाता है। देखें तो सिर्फ़ ढाई अक्षर हैं, समझें तो पूरे भ्रमांड का सार है। ओम धार्मिक नहीं है, लेकिन यह हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म जैसे कुछ धर्मों में एक पारंपरिक प्रतीक और पवित्र ध्वनि के रूप में प्रकट होता है।
ओम किसी एक की संपत्ति नहीं है, ओम सबका है, यह सार्वभौमिक है, और इसमें पूरा ब्रह्मांड है।
ओम को “First Sound” माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि Universe में भौतिक निर्माण के अस्तित्व में आने से पहले जो Natural Sound थी वह Om ही था.
इस लिए ॐ शब्द को को पुरे The voice of the universe भी कहा जाता है. आखिर मन की शांती देने वाला ॐ का क्या मतलब है?
जैसा की आपको भी पता होगा कुछ भी हमेशा ठोस या स्थिर नहीं होता है. जो होता है पृथ्वी पर सब कुछ नष्ट होने वाला होता है. लेकिन Om Word कभी नष्ट नही होगा.
यह एक Rhythmic vibration का निर्माण करता है जिसे प्राचीन योगियों ने ओम की ध्वनि में क़ैद किया था. हम अपने दैनिक जीवन में हमेशा ॐ शब्द के प्रति सचेत नहीं होते हैं, लेकिन हम ध्यान से सुने तो इसे Winter season के लहराते पत्तों में, समंदर की लहरों में, या शंख के अंदर की आवाज़ में भी सुन सकते हैं.
ओम का जाप हमें पूरे ब्रह्माण्ड से जोड़ता है और उस Universe का हिसा बनाता है – चाहे वो डूबता सूरज हो, उठताचंद्रमा हो, ज्वार का प्रवाह हो, हमारे दिल की धड़कन हो या हमारे शरीर के भीतर हर परमाणु की आवाज़ें ही क्यों ना हो सभी जगह Om ही ॐ है.
जब कोई ओम का जाप करते हैं तो ओम का मन्त्र हमें हमारे सांस, हमारी जागरूकता और हमारी Physical energy के माध्यम से हमें पुरे Universal Move के सफ़र पर ले जाता है इतना ही नहीं हम एक गहरा संबंध समझना शुरू करते हैं जो मन और आत्मा को अपार शांति प्रदान करता है.
जरुर पढ़े – Bachho ko compare karane ke nuksan.
Related - Read Ramcharit Manas Sundar Kand
Om Ka Mahatva.
वह हमारे पुरानी तथा मध्ययुगीन काल में विविध हस्तलिखित मंदिरों, Math और उसी के जैसे धार्मिक स्थलों पर पाया गया है. Om ना सिर्फ Hindu Religion लेकिन जैन और बौद्ध धर्म में भी पाया गया है. अब सवाल यह आता है कि ओम का महत्व क्या है? ज्यादा जानकारी के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़िए.
Om का उच्चारण कैसे होता है?
ओम का नामस्मरण Tongue से शुरू होकर अपने Lips लिप्स पर ख़त्म होता है. Om सभी ध्वनियो का मूल सांचा है, अगर हम ओम का उच्चारण सही ढंग से करें तो इसका उच्चारण Home ऐसा होता है.
ओम का शब्द Normally अपने प्रतीक ॐ से ज़्यादा जाना जाता है, परंतु जब भी Om के उपयोग की बात आती है, ओम का उच्चारण ही Most Important है.
पुरानी संस्कृति सिखाती है कि आवाजो को किसी उद्देश्य के साथ बनाया गया था इसलिए ॐ के उच्चारण के नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि अनुनाद अर्थ से जुड़ा हुआ है.
रोज़मर्रा की जिंदगी में हम सभी जानते हैं और महसूस करते हैं कि Music चाहे कैसा भी हो, हमारी हर दुखी मन को प्रफुल्लित और प्रभावित करता है. इसी तरह प्राचीन ध्वनियों और ओम जैसे शब्दों का उच्चारण Traditional instructions के अनुसार किया जाना चाहिए ताकि Negative Energy से बचने के साथ ही अपने मन की इच्छा पूरी हो सकें.
इन कारणों की वजह से यह समझना महत्वपूर्ण है कि ओम का ध्यान करते हुए इसे अपने तीन अक्षरों में नहीं तोड़ना चाहिए, बल्कि इसका उच्चारण दो अक्षर की भाँति ही करना चाहिए तथाऔर न ही ओम का जाप करते हुए ध्वनि को ज्यादा लम्बा खींचना चाहिए.
30 के जैसे Symbol का Meaning क्या है?
Om शब्द तीन भाइयों से बना है A-U-M, संस्कृत में O और U को जोड़कर O बनता है और यह तीनों शब्द तीन चीजों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो Earth, Environment और Heaven है. यह तीनों शब्द Important हिंदू देवों को जोड़ते हैं जो सभी के पिता ब्रह्मा, विष्णु, महेश है.
Om का ठोस महत्व क्या है?
ॐ की उत्पत्ति तीन शब्दों से हुयी है जिसमे ओम के सिंबल में तीन वक्र है जिसमें एक आधा Circle और एक . (Dot) है. यह शब्द बड़ा वक्र जागृत अवस्था का प्रतिनिधित्व करता है और मध्यम वर्कर गहरी नींद का प्रतिनिधित्व करता है तथा शुद्धि की स्टेट का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें अनंत शांति मिलती है.
इसे के साथ-साथ आधा सर्कल माया का प्रतिनिधित्व भी करता है इसलिए वह डॉट को तीनों वक्र से अलग करता है. हमें यह सूचित करता है कि वह माया है जो हमें Self Realization पाने का सफल रास्ता पानी में अडचने पैदा करती है.
Om किस Hindu Dev से जुड़ा है?
सभी को यह पता होना चाहिए की ओम का रहस्य इतना बड़ा है की इसे कुछ लाइनों मे लिखना मुमकिन नही है. यह कहा जाता है कि भगवान गणेश का Physical आकार Om के जैसा ही है. मतलब ऊपर का वक्र गणेश जी का मुख, नीचे का पेट के लिए घुमाया हुआ वक्र गणेश जी की हाथी के सुंड का प्रतिनिधित्व करता है.
> जरुर पढ़े – Top 10 Self Care Tips जानिए हिंदी मे. Self Care कैसे करना करनी चाहिए.
> जरुर पढ़े – Man Ki Shanti बनाये रखने के लिए 15 तरीके जो सभी को फॉलो करने चाहिए.
> जरुर पढ़े – अपने बच्चो को कॉम्पिटीशन मे उतारने और Compare करने से पहले यह पढ़े.
> जरुर पढ़े – Self Confidence Kaise Badhaye? आत्मविश्वास क्या है? कॉन्फिडेंस बढाने के तरीके?
ओम किसका मंत्र है?
ओम शब्द का अर्थ क्या है?
ओम का जाप करने से क्या होता है?
कहते है ॐ शब्द का जाप करने से परमात्मा को पाया जा सकता है उनसे प्रेम बनाया जा सकता है. ओम शब्द बहुत चमत्कारी है और इसमें शब्द में पूरी सृष्टि समाई हुई है. इसीलिए हमेशा ॐ का जाप करे इससे आपके शरीर मे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा.
ओम से क्या बनता है?
तो दोस्तों यह थी उनके बारे में जानकारी. अगर आपको हमारा Om Kya Hai? ओम का क्या महत्व है? ओम मंत्र का यह आर्टिकल पसंद आया होगा तो इसे सोशल मीडिया में जरूर शेयर करें जिससे सभी को उनके बारे में पता चल सके. इसी प्रकार की Motivational Articles सबसे पहले पानी के लिए इस ब्लॉक को सब्सक्राइब जरूर करें.
********
0 Comments
Thanks For Commenting On Your Family ! Yes Blog Name Is Indian Hindi Readers So All Is Our Blog Family Members.